
भोपाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत देशभर के 103 रेलवे स्टेशनों का वर्चुअली लोकार्पण किया। इनमें एमपी के 6 स्टेशन- नर्मदापुरम, श्रीधाम, कटनी साउथ, शाजापुर, सिवनी और ओरछा शामिल हैं। कार्यक्रम में एमपी के सीएम डॉ. मोहन यादव नर्मदापुरम से जुड़े। उन्होंने कहा कि ये बदलते दौर का बदलता भारत है। भोपाल के भेल में वंदे भारत और मेट्रो ट्रेन के कोच बनाए जाएंगे। स्वामी विवेकानंद ने 1904 में कहा था कि 21वीं सदी भारत की होगी, आज हम इस अवधारणा को साकार होता देख रहे हैं। मोदी जी की डबल इंजन सरकार के साथ मध्यप्रदेश भी आगे बढ़ रहा है।
मोदी जी के नेतृत्व में देश एकजुट
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में प्रधानमंत्री ने भारत की ताकत दिखा दी है। ये मोदी जी की कूटनीति का ही नतीजा है कि पाकिस्तान को तीन देशों के अलावा कहीं समर्थन नहीं मिला। पहलगाम हमले के बाद आतंकियों का मकसद देश में दंगे भड़काना था लेकिन मोदी जी के नेतृत्व में देश एकजुट रहा। ये लोकतंत्र की जीत है। मोदी में विश्वास की जीत है।
एमपी के 6 स्टेशन पर 86 करोड़ रुपए हुए खर्च
एमपी के 6 स्टेशन पर 86 करोड़ रुपए की लागत से हाईमास्ट लाइटिंग, मॉडर्न वेटिंग रूम, टिकट काउंटर, टॉयलेट और दिव्यांगों के लिए रैंप जैसी यात्री सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। प्लेटफॉर्म पर शेल्टर, कोच इंडिकेशन सिस्टम और सूचना के लिए डिजिटल डिस्प्ले लगाए गए हैं। हर स्टेशन पर मध्यप्रदेश की लोक कला, संस्कृति और परंपराओं की झलक भी देखने को मिल रही है।
मध्य प्रदेश के 6 स्टेशनों की खासियत
नर्मदापुरम
1- लागतः संस्कृति और 'नर्मदा थीम' पर आधारित है जिसकी लागत लागत – 26 करोड़ रुपए
खासियतः यात्रियों के लिए 3100 वर्गमीटर क्षेत्र में सौंदर्गीकृत सर्कुलेटिंग एरिया, 1000 वर्गमीटर में आधुनिक एलईडी लाइटिंग की सुविधा, मां नर्मदा की पुण्यभूमि पर आधुनिकता और आस्था का संगम भी प्रस्तुत करेगा।
सुविधाएं: भोपाल मंडल का पहला सबसे चौड़ा 12 मीटर का फुट ओवर ब्रिज, स्टेशन पर भव्य प्रवेश द्वार, नवनिर्मित प्रतीक्षालय, मॉर्डन टिकट काउंटर, दिव्यांगजन अनुकूल रैंप और शौचालय की व्यवस्था
2- श्रीधाम रेलवे स्टेशन
लागतः 24 करोड़ रुपए
खासियतः शंकराचार्य स्वरूपानंद की तस्वीरें लगाई गई हैं। वास्तुकला में मध्यप्रदेश की लोककला झलकती है। जो इसे केवल यात्रा का स्थान नहीं, बल्कि सांस्कृतिक अनुभव का केंद्र बनाती है।
सुविधाएं: एयर कंडीशनर वेटिंग हॉल, एलईडी डिस्प्ले बोर्ड, स्वच्छ शौचालय, दिव्यांगों के लिए रैंप, पार्किंग और ठंडे पानी की सुविधा उपलब्ध कराई गई हैं।
3- सिवनी रेलवे स्टेशन
लागतः जंगल बुक पर आधारित 14.46 करोड़ रुपए
खासियत: पेंच टाइगर रिजर्व और 'जंगल बुक पर आधारित चित्रकारी, स्थानीय कला और भित्ति चित्र, वन स्टेशन वन प्रोडक्ट' के तहत स्थानीय उत्पादों का प्रोत्साहन ।
सुविधाएं: भव्य प्रवेश द्वार, सर्कुलेशन क्षेत्र का विस्तार, नई पार्किंग, लिफ्ट और एस्केलेटर, एयर कंडीशनर वेटिंग हॉल, भुवनेश्वर मॉडल पर आधारित शौचालय, हरित परिदृश्य और बगीचे, सीसीटीवी।
4- कटनी साउथ रेलवे स्टेशन
लागतः 12.88 करोड़
खासियत: सर्कुलेटिंग एरिया में पार्क निर्माण व महाराणा प्रताप की प्रतिमा का निर्माण। प्लेटफॉर्म में शेल्टर व डिस्प्ले बोर्ड।
सुविधाएं: स्टेशन भवन का निर्माण व भव्य प्रवेश द्वार, वीआईपी वेटिंग हॉल, पर्याप्त टिकट काउंटर, दिव्यांगों के लिए शौचालय व रैम्प, हाई लेवल प्लेटफॉर्म कवर शेड, सर्कुलेटिंग एरिया का सौंदर्याकरण।
5- शाजापुर रेलवे स्टेशन
लागतः 13 करोड़ रुपए
खासियत: 140 वर्ग मीटर में फैला 'आर्ट एंड कल्चर जोन' यात्रियों का ध्यान आकर्षित कर रहा है। यह शाजापुर की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है।
सुविधाएं: नया फुट ओवर ब्रिज, छायादार क्षेत्र, सर्कुलेटिंग एरिया, नया प्रवेश द्वार, टिकट काउंटर, आधुनिक वेटिंग हॉल, एलईडी, दिव्यांगों के लिए विशेष सुविधाएं, VIP वेटिंग हॉल, सेकंड क्लास वेटिंग हॉल और पार्किंग।
6- ओरछा रेलवे स्टेशन
लागतः 6.5 करोड़ रुपए,रामराजा की थीम पर डिजाइन
खासियत: रामराजा मंदिर की थीम पर स्टेशन को डिजाइन किया गया है। रामराजा सरकार और हनुमानजी की मूर्ति भी स्थापित की गई हैं।
सुविधाएं: सर्कुलेटिंग एरिया का विस्तार किया गया है। बाउंड्री वॉल पर रामायण के दृश्य बनाए। अलग पार्किंग। टिकट के लिए काउंटर के अलावा एटीवीएम। तीन मीटर चौड़ा एफओबी बनाया है। पे एंड यूज टॉयलेट बनाए।