
चंडीगढ़
प्रदेश में अगर कोई भी राज्य चिन्ह का दुरुपयोग करते हुए पाया गया तो उनके के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव, डॉ. सुमिता मिश्रा ने नागरिकों से भारत के राज्य चिन्ह, जो भारत सरकार की आधिकारिक मुहर है, का दुरुपयोग न करने की अपील की है। खासतौर पर उन्होंने निजी वाहनों, लेटरहेड और साइनबोर्ड पर इस चिह्न के अनधिकृत प्रदर्शन के विरुद्ध चेतावनी दी है। उन्होनें कहा कि ऐसा करना कानून का गंभीर उल्लंघन है और इसके लिए कड़ी सजा दी जाएगी।
डॉ. मिश्रा ने कहा कि भारत का राज्य चिह्न सारनाथ स्थित अशोक के सिंह-स्तंभ का एक रूपांतर है। इस प्रतीक चिह्न का उपयोग भारत के राज्य प्रतीक चिह्न (अनुचित प्रयोग निषेध) अधिनियम, 2005 और (प्रयोग विनियमन) नियम, 2007 द्वारा नियंत्रित होता है, जिसमें 2010 में संशोधन किया गया है। डॉ. मिश्रा ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह प्रतीक चिह्न व्यक्तिगत पहचान, सामाजिक स्थिति या प्रभाव का प्रतीक नहीं है। यह केवल संवैधानिक अथोरिटी और सरकारी विभागों के लिए रिजर्व है, इन सबको कानून द्वारा अनुमति प्राप्त है। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि 2005 के अधिनियम और 2007 के नियमों के तहत अनधिकृत उपयोग दंडनीय है।
ट्रैफिक पुलिस को पहचान के आदेश
इसके लिए विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के माध्यम से जनता को प्रतीक चिह्न के उपयोग से संबंधित कानूनी प्रावधानों के बारे में सूचित करें। सरकार दुरुपयोग की रिपोटों से तुरंत निपटने के लिए शिकायत निवारण प्लेटफॉर्म और हेल्पलाइन बनाने पर भी काम कर रही। इसके लिए इसमें स्कूलों, कॉलेजों और लॉ कॉलेजों में जन जागरूकता अभियान चलाकर नागरिकों को प्रतीक चिह्न के कानूनी और संवैधानिक महत्व के बारे में जागरूक किया जाएगा। वहीं ट्रैफिक पुलिस को वाहनों पर प्रतीक चिह्न के दुरुपयोग की पहचान करने और तुरंत दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी।