आरजेडी से अलग राह: तेज प्रताप बोले- अब बनाऊंगा अपनी अलग पहचान

पटना/वैशाली

राष्ट्रीय जनता दल से निष्कासित पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में वैशाली जिले की महुआ विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का एलान किया है। शनिवार शाम को पटना स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में तेज प्रताप ने यह स्पष्ट किया कि वे इस बार अपनी नई राजनीतिक पारी की शुरुआत महुआ से करेंगे।
 
'अब लोगों की ताकत मेरे साथ है'
तेज प्रताप यादव ने कहा कि हां, मैं इस बार महुआ विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ूंगा। मेरे विरोधियों को अब खुजली होने लगी होगी। उन्होंने दावा किया कि आम लोगों का समर्थन उनके साथ है और ‘टीम तेज प्रताप यादव’ नामक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के ज़रिए बड़ी संख्या में लोग उनके साथ जुड़ चुके हैं।
 
तेज प्रताप ने यह भी कहा कि वे उन लोगों के साथ खड़े होंगे जो युवाओं, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य की बात करेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं आश्वस्त हूं कि चाचा (नीतीश कुमार) इस बार मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगे।
 
हसनपुर छोड़कर फिर से लौटे महुआ
तेज प्रताप वर्तमान में समस्तीपुर जिले की हसनपुर सीट से विधायक हैं। लेकिन उन्होंने अब 2015 में अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत जिस सीट महुआ से की थी, वहीं से वापसी का फैसला किया है। गौरतलब है कि महुआ से वे 2015 में पहली बार विधायक बने थे और राज्य सरकार में मंत्री भी रहे। लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने हसनपुर से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी।
 
पार्टी से निष्कासन के बाद खुद की राह पर
तेज प्रताप यादव को उनके पिता और राजद के संस्थापक लालू प्रसाद यादव ने 25 मई 2024 को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था। यह फैसला तेज प्रताप द्वारा सोशल मीडिया पर एक महिला से संबंध स्वीकार करने की कथित पोस्ट के बाद लिया गया था, जिसे बाद में उन्होंने ‘हैकिंग’ का मामला बताकर हटा लिया था। लालू यादव ने सार्वजनिक रूप से तेज प्रताप के ‘गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार’ को कारण बताते हुए उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया था।

तेजस्वी से भी मतभेद, ‘जयचंद’ पर निशाना
निष्कासन के कुछ दिनों बाद तेज प्रताप ने सोशल मीडिया पर यह भी आरोप लगाया कि उन्हें और उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव के बीच साजिशन दूरी पैदा की गई। उन्होंने ‘जयचंद’ शब्द का इस्तेमाल करते हुए पार्टी के अंदरूनी लोगों को 'विश्वासघाती' बताया था। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेज प्रताप का महुआ से चुनाव लड़ना राजद के लिए भी एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है, खासकर उस क्षेत्र में जहां पार्टी का परंपरागत जनाधार रहा है।
 
तेज प्रताप यादव बिहार के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के बेटे हैं। वे राजनीति में सक्रिय चार भाई-बहनों में से एक हैं। उन्होंने 2015 में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी और राज्य सरकार में स्वास्थ्य और पर्यावरण मंत्री के तौर पर काम कर चुके हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button