SC ने ‘उदयपुर फाइल्स’ पर बैन लगाने से किया इनकार, जानें कब रिलीज होगी फिल्म

नई दिल्ली / जयपुर 

सुप्रीम कोर्ट ने शु​क्रवार को दर्जी कन्हैया लाल की हत्या पर आधारित हिंदी फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' से संबंधित याचिका के गुण-दोष की जांच करने से इनकार कर दिया. शीर्ष अदालत ने दिल्ली हाई कोर्ट को निर्देश दिया कि वह 28 जुलाई को दुनिया भर के सिनेमाघरों में इस फिल्म को रिलीज करने की केंद्र की मंजूरी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करे. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि उसने फिल्म की रिलीज पर कोई रोक नहीं लगाई है.

सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश के बाद उदयपुर फाइल्स के निर्देशक भरत श्रीनेत ने घोषणा की कि फिल्म 8 अगस्त, 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी. राजस्थान के उदयपुर में 2022 में हुई दर्जी कन्हैया लाल हत्याकांड पर आधारित यह फिल्म विवादों के कारण चर्चा में रही है. इससे पहले निर्देशक भरत श्रीनेत ने बताया था कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) ने फिल्म में 150 कट लगाए हैं. कानूनी पचड़ों के कारण, उदयपुर फाइल्स  11 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज नहीं हो पाई.

सुप्रीम कोर्ट ने हटाई फिल्म की रिलीज पर लगी रोक

सुप्रीम कोर्ट में फिल्म उदयपुर फाइल्स की रिलीज लगी रोक को हटाने की मांग वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई शुरू हुई. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट जाने के लिए कहा. जस्टिस सूर्यकांत ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से कहा कि आप हाई कोर्ट क्यों नही जा रहे है? इस मामले दोनों पक्ष के तरफ से बहस हुई और फिर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उदयपुर फाइल्स की रिलीज पर लगी रोक हटाई जा रही है.

दिल्ली हाई कोर्ट ने रिलीज पर लगाई थी रोक

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 10 जुलाई को ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज पर रोक लगा दी थी. याचिका में कहा गया है कि फिल्म समाज में वैमनस्यता को बढ़ावा दे सकती है, इसलिए इसकी रिलीज पर रोक लगाई जानी चाहिए. तब से लेकर फिल्म की रिलीज पर लगी रोक को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही थी.

किस घटना पर बनी है ‘उदयपुर फाइल्स’

‘उदयपुर फाइल्स’ फिल्म की कहानी सच्ची घटना पर आधारित है. टेलर कन्हैया लाल साहू की दुकान पर 28 जून, 2022 को 2 हमलावर ग्राहक बनकर पहुंचे थे. दोनों ने टेलर का सिर धड़ से अलग कर दिया था. हमलावरों ने पूरी घटना को कैमरे में रिकॉर्ड भी कर लिया और वीडियो फुटेज ऑनलाइन अपलोड कर दिया. इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था.

‘उदयपुर फाइल्स’ की स्टारकास्ट

इस फिल्म में विजय राज ने टेलर कन्हैया लाल का रोल निभाया है. उनके अलावा प्रीति झंगियानी, मुश्ताक खान, पुनीत वशिष्ठ, दुर्गेश चौहान, मीनाक्षी चुग, कांची सिंह, एहसान खान, कमलेश सावंत, निकुंज अग्रवाल, फरहीन फलक और आदित्य राघव जैसे सितारे नजर आएंगे.

मेकर्स ने जारी की ‘उदयपुर फाइल्स’ की नई रिलीज डेट
सुप्रीम कोर्ट की ओर से 'उदयपुर फाइल्स' की रिलीज पर रोक हटाने की बात कहने के बाद ही फिल्म के निर्देशक भरत श्रीनेत ने 'उदयपुर फाइल्स' की नई रिलीज डेट की घोषणा कर दी है। फिल्म के निर्देशक भरत श्रीनेत ने कहा कि फिल्म 8 अगस्त, 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। हालांकि, इससे पहले 28 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट से इस मामले में सुनवाई करने को कहा है।

एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने जताई थी संभावना
एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने ये संभावना जताई थी कि वो मामले को दिल्ली हाईकोर्ट के पास वापस भेज सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि कन्हैया लाल हत्याकांड के आरोपी मोहम्मद जावेद की याचिका भी हाईकोर्ट भेज सकते हैं। याचिकाकर्ता जावेद ने अपने मुकदमे की सुनवाई पूरी होने तक फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की थी।

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने मुस्लिम समुदाय को बदनाम करने का लगाया आरोप
बता दें कि याचिकाकर्ता जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने आरोप लगाया है कि फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ मुस्लिम समुदाय को बदनाम करती है। मौलाना अरशद मदनी की तरफ से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने दलील दी कि सीबीएफसी (CBFC) पैनल के कई सदस्य एक ही मौजूदा सत्तारूढ़ राजनीतिक दल के सदस्य थे और उन्होंने ही फिल्म को मंजूरी दे दी।

फिल्म में विजय राज ने दर्जी कन्हैया लाल की भूमिका निभाई है और अमित जानी इसके प्रोड्यूसर हैं. निर्देशक भरत श्रीनेत ने कहा, 'हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं और 8 अगस्त को फिल्म रिलीज करने के लिए तैयार हैं. जानी फायरफॉक्स फिल्म्स 8 अगस्त को उदयपुर फाइल्स का प्रमोशन शुरू करने और दुनिया भर में रिलीज करने जा रही है. सच्चाई की हमेशा जीत होती है.'

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अरशद मदनी और अन्य द्वारा केंद्र के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें 6 अतिरिक्त कट लगाने के सुझाव के बाद फिल्म की रिलीज को मंजूरी दी गई थी. पीठ ने यह भी कहा कि केंद्र की हाई पावर कमिटी द्वारा फिल्म का रिव्यू करने के निर्णय के बाद दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ फिल्म निर्माताओं की याचिका निरर्थक हो गई है. 

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