
इंदौर
इंदौर में बुधवार से शुरू हुआ बारिश का सिलसिला गुरुवार तक चलता रहा। गुरुवार को सुबह से बारिश शुरू हुई और लगातार रुक-रुककर होती रही। तेज ठंडी हवाओं ने मौसम पूरी तरह बदल दिया और गर्मी और उमस पूरी तरह से गायब हो गई। इससे पहले बुधवार को दोपहर बाद बादल छाए और शाम को कई क्षेत्रों में हल्की बारिश हुई। इससे कुछ समय के लिए गर्मी से राहत मिली, लेकिन बाद में उमस का असर तेज हो गया था। पिछले 24 घंटों में इंदौर का अधिकतम तापमान 31.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ, जो सामान्य से 4 डिग्री कम था। इस दौरान तापमान में 1 डिग्री की गिरावट आई है। मौसम वैज्ञानिकों ने अब लगातार बारिश की संभावना जताई है।
जून के तीसरे हफ्ते में बढ़ेगी बारिश
जून का तीसरा हफ्ता चल रहा है, और इस महीने इंदौर की औसत बारिश 5 इंच रही है। विशेषज्ञों के मुताबिक, आगामी 12 दिनों में अच्छी बारिश की संभावना है। गुरुवार को इंदौर, उज्जैन और पूरे मध्य प्रदेश में आंधी-बारिश की संभावना जताई जा रही है। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के अनुसार, दो लो प्रेशर एरिया और तीन साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम सक्रिय हैं, जिसके कारण अगले 4 दिनों तक प्रदेश के कई जिलों में तेज बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान कहीं अति भारी तो कहीं भारी बारिश हो सकती है, और 24 घंटों में ढाई से 8 इंच तक पानी गिर सकता है।
इससे शहरवासियों को गर्मी व उमस से राहत मिलेगी। एयरपोर्ट स्थित वेदर स्टेशन पर बुधवार रात 8.30 बजे तक तीन मिमी वर्षा दर्ज हुई। रीगल स्थित मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वेदर स्टेशन पर 8.50 मिमी वर्षा दर्ज हुई।भोपाल स्थित मौसम केंद्र के विज्ञानियों के मुताबिक वर्तमान में एक कम दबाव का क्षेत्र मध्य राजस्थान पर बना हुआ है।
शहर में बारिश की गतिविधियां बढ़ेंगी
वहीं एक द्रोणिका पंजाब होते हुए उत्तरी गुजरात तक जा रही है। इसके अलावा मध्य उत्तर प्रदेश पर एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। इसके प्रभाव से इंदौर में आगामी दिनों में बारिश की गतिविधियों में निरंतरता दिखाई देगी।
इंदौर में अगले दो दिन 50 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से हवाएं चलेंगी। वही गरज-चमक के साथ बारिश होगी। बुधवार को शहर में अधिकतम तापमान 31.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से चार डिग्री कम था। वहीं न्यूनतम तापमान 24.2 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य था।
दो वेदर सिस्टम एक्टिव
मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला के अनुसार प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर बने वेदर सिस्टम की वजह से कई जिलों में अच्छी बारिश हो सकती है। 25-26 जून के आसपास बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने के आसार है। इस कारण रुक-रुककर बारिश का यह सिलसिला अभी जारी रहेगा।
मानसून का एक दिन देर से आगमन
इस बार मानसून देश में तय समय से 8 दिन पहले ही पहुंच चुका था। महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में मानसून तय समय से पहले ही आया था, जिसके कारण यह अनुमान था कि मध्य प्रदेश में मानसून जून के पहले हफ्ते में आ जाएगा। हालांकि, ऐसा नहीं हुआ, और मानसून पिछले 15 दिनों से महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में ही ठहरा हुआ था। 13-14 जून को मानसून ने आगे बढ़कर मध्य प्रदेश में प्रवेश किया, लेकिन यह प्रदेश में एक दिन लेट हो गया।
गुजरात में बने सिस्टम से तेज बारिश की संभावना
तीन दिन के भीतर ही मानसून ने पूरे प्रदेश को कवर कर लिया। मध्य प्रदेश में मानसून के प्रवेश की सामान्य तारीख 15 जून होती है, जबकि पिछले साल यह 21 जून को आया था। अब गुजरात में बना सिस्टम मध्य प्रदेश में सक्रिय होगा, जिसमें एक-दो दिन का समय लगेगा। इस दौरान प्रदेश में बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश का दौर जारी रहेगा।