
नई दिल्ली
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने जीजा रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ जारी कार्रवाई को लेकर पहली बार बोला है। उनके खिलाफ दाखिल की गई नई चार्जशीट को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने इसे राजनीतिक प्रतिशोध और दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई करार देते हुए कहा कि पिछले दस वर्षों से रॉबर्ट वाड्रा को सरकार द्वारा लगातार निशाना बनाया जा रहा है।
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जारी अपने एक बयान में कहा, "मेरे बहनोई रॉबर्ट वाड्रा को इस सरकार ने पिछले दस वर्षों से लगातार प्रताड़ित किया है। अब जो नई चार्जशीट दायर की गई है, वह उसी राजनीतिक विद्वेष और बदले की भावना की अगली कड़ी है।"
उन्होंने आगे कहा कि वे रॉबर्ट, प्रियंका गांधी और उनके बच्चों के साथ खड़े हैं और उन्हें इस तरह की मानहानिकारक और राजनीतिक रूप से प्रेरित कार्रवाई से कोई भय नहीं है। राहुल गांधी ने कहा, “मैं जानता हूं कि वे सभी किसी भी तरह के उत्पीड़न को सहने के लिए पर्याप्त साहसी हैं और वे इसे गरिमा के साथ झेलते रहेंगे। अंततः सत्य की जीत होगी।” इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ धनशोधन के एक पुराने मामले में पूरक आरोपपत्र दाखिल किया गया है, जिसे कांग्रेस ने पहले ही राजनीति से प्रेरित बताया था।
ईडी की चार्जशीट पर कोर्ट का संज्ञान
रॉबर्ट वाड्रा और अन्य के खिलाफ ईडी द्वारा दाखिल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चार्जशीट पर शुक्रवार को राउस एवेन्यू कोर्ट ने संज्ञान लिया। कोर्ट ने मामले को दस्तावेजों की जांच के लिए 24 जुलाई के लिए सूचीबद्ध किया है। विशेष न्यायाधीश सुषांत चंगोत्रा ने चार्जशीट को संज्ञान में लेते हुए अदालत के रिकॉर्ड कीपर को दस्तावेजों की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। ईडी की ओर से विशेष लोक अभियोजक एन. के. मट्टा ने अदालत में पेश होकर मामले की जल्द सुनवाई के लिए तारीख मांगी।
क्या है मामला?
प्रवर्तन निदेशालय ने 17 जुलाई को रॉबर्ट वाड्रा और 10 अन्य व्यक्तियों/कंपनियों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत अभियोजन शिकायत (प्रॉसिक्यूशन कंप्लेंट) दायर की थी। चार्जशीट में जिन लोगों/इकाइयों को आरोपी बनाया गया है उनमें रॉबर्ट वाड्रा, स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्रा. लि., कारेश्वर प्रॉपर्टीज प्रा. लि., सत्यनंद याजी, केवल सिंह विर्क सहित अन्य शामिल हैं।
ईडी की शिकायत के अनुसार, यह मामला गुरुग्राम पुलिस द्वारा दर्ज की गई एक प्राथमिकी से जुड़ा है। इसमें आरोप है कि रॉबर्ट वाड्रा ने अपनी कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी के माध्यम से वर्ष 2008 में गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव, सेक्टर 83 में 3.53 एकड़ भूमि फर्जी घोषणाओं और प्रभाव का दुरुपयोग करके खरीदी थी।
जांच के तहत ईडी ने 16 जुलाई 2025 को एक अस्थायी अटैचमेंट आदेश जारी करते हुए वाड्रा और उनकी कंपनियों से जुड़ी लगभग 37.64 करोड़ की कीमत की 43 अचल संपत्तियां जब्त कर लीं। इन संपत्तियों का संबंध स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी सहित अन्य संबद्ध संस्थाओं से बताया गया है। ईडी का आरोप है कि वाड्रा ने व्यक्तिगत प्रभाव का उपयोग कर उक्त जमीन के लिए कॉमर्शियल लाइसेंस हासिल किया और यह सौदा पूरी तरह से धोखाधड़ी पर आधारित था।
कांग्रेस ने भी जताई नाराजगी
रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ ईडी की इस नई कार्रवाई की कांग्रेस पार्टी ने भी निंदा की है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार विपक्षी नेताओं को परेशान करने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।