गर्भ में लिंग बताने का गोरखधंधा उजागर, हरियाणा में डॉक्टर और बेटा दबोचे गए

झज्जर
 हरियाणा के झज्जर में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने यहां चल रहे अवैध लिंग जांच गिरोह का भंड़ाफोड़ किया है। आरोपियों में मां और बेटा मुख्य तौर पर शामिल है। दोनों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उन्हें अदालत में पेश किया। कोर्ट ने दोनों को दो दिनों के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। बताया जा रहा है कि मामले की मुख्य आरोपी डॉ. हेमलता खुद को बीएएमएस डॉक्टर बताती थी और उसने इस पूरे घटनाक्रम में बाहरी लोगों के साथ-साथ अपने बेटे को भी शामिल किया हुआ था। मामले में पोर्टेबल अल्ट्रसाउंड से गर्भ की जांच करने वाले दिल्ली नांगलोई के एक ऑपरेटर की पुलिस को तलाश है।

ऐसे हुआ भंडाफोड़
जानकारी के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग की टीम को एक गुप्त सूचना मिली थी कि झज्जर में हेमलता नामक एक महिला जोकि खुद को बीएएमएस डॉक्टर बताती है गर्भ में पल रहे लिंग की जांच करती है। बाद में संबंधित गर्भवती महिला को उसके पेट में बेटी होने का हवाला देकर अपने क्लीनिक पर ही उसका गर्भपात मोटी रकम लेकर करती है। इसी सूचना पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पीएनडीटी नोडल अधिकारी डॉ संदीप कुमार, डॉ आकृति हुड्डा , डॉ हर्षदीप एवं विनोद कुमार की टीम ने इस गिरोह का भंडाफोड़ करने के लिए एक नकली ग्राहक को तैयार किया जो कि चार महीने की गर्भवती है।

नकली ग्राहक को भेजा
इस ग्राहक ने पीएनडीटी टीम के कहने पर डॉ हेमलता को फोन किया और कहा कि उसको पहले तीन लड़कियां हैं और उसको अब लड़का चाहिए। आपसे अल्ट्रासाउंड जांच करवानी है। कुछ देर बातचीत के बाद डॉ हेमलता ने इस नकली ग्राहक के साथ 55000 रुपये में लिंग जांच का सौदा तय किया। उसने उसको पैसे लेकर अपने घर शिव कॉलोनी नजदीक बेरी गेट झज्जर बुलाया। पीएनडीटी टीम ने नकली ग्राहक को 55000 रुपए देकर हेमलता के घर भेजा। पैसे लेने के बाद हेमलता ने कहा कि तुम्हारा अल्ट्रासाउंड कल रात 8 बजे होगा आ जाना। इसके बाद 18 जुलाई को हेमलता ने फोन करके कहा कि अल्ट्रासाउंड आज नहीं कल होगा। फिर 19 ओर 20 जुलाई को भी मना किया ओर 22 जुलाई को बुलाया। 22 जुलाई को फिर से मना किया औरर 24 जुलाई को बुलाया। 24 जुलाई को कहा कि 25 जुलाई को रात साढ़े सात बजे आ जाना अल्ट्रासाउंड हो जाएगा ।

एक हफ्ते के बाद क्लीनिक बुलाया
इस तरह एक सप्ताह चक्कर कटवाने के बाद आखिरकार 25 जुलाई को डॉ हेमलता ने नकली ग्राहक का अपने निजी क्लीनिक पर आशीष सैनी उर्फ सुरेश नाम के व्यक्ति से अवैध लिंग जांच करवाया जो नांगलोई से पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन झज्जर लेकर आता है। अशीष सैनी और हेमलता ने नकली ग्राहक को बताया कि पेट में लड़की है और वे इसकी सफाई कर देंगे जिसके 25000 रुपए लगेंगे। फिर हेमलता ने स्कूटी पर अपने बेटे विक्रम को बुलाया और उसकी मदद से नकली ग्राहक को अपने घर ले आई। नकली ग्राहक ने घर के पास खड़े पीएनडीटी टीम के सदस्यों को हाथ से इशारा किया। छानबीन के दौरान टीम को हेमलता के घर से गर्भपात की दवाइयां और औजार मिले। फिर टीम हेमलता और नकली ग्राहक के साथ संगम क्लीनिक आई। लेकिन तब तक अवैध अल्ट्रासाउंड करने वाला व्यक्ति मशीन के साथ फरार हो चुका था।

कोर्ट ने दोनों को रिमांड पर भेजा
पीएनडीटी टीम ने डॉ हेमलता, विक्रम एवं आशीष सैनी उर्फ सुरेश के खिलाफ पीसी पीएनडीटी, एम टी पी एवं भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया है। झज्जर की जिला सिविल सर्जन डा.जयमाला ने पकडे़ गए इस लिंग जांच गिरोह की पुष्टि करते हुए कहा है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम को एक सूचना मिली थी और उसके बाद ही योजनाबद्ध तरीके से उनक द्वारा बनाई गई टीम ने पुलिस की मदद से इन्हें गिरफ्तार किया है। झज्जर थाना प्रभारी इंसपैक्टर सरिता ने इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम की सूचना पर ही आरोपियों को काबू किया गया है। एक आरोपी फरार है,जबकि इस मामले में संलिप्त डा.हेमलता और उसके बेटे विक्रम को काबू किया गया है।
 

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