
भोपाल
यदि आपको कोई सामान डाक से भेजना है तो घर बैठे ही यह काम हो जाएगा। बस आपको एक रिक्वेस्ट डालना होगा। डाकिया सामान घर (Postman on door) से ही ले जाएगा, वह भी उसी रेट पर जिस रेट पर आप डाकघर में सामान डिलीवरी के समय भुगतान करते हैं। वैसे तो यह सेवा पहले से ही चल रही है, लेकिन एडवांस टेक्नोलॅजी के साथ इसे शुरू किया है। मध्यप्रदेश में 22 जुलाई से इसे पूरी तरह से शुरू कर दिया गया है।
डाक विभाग का पायलट प्रोजेक्ट शुरू
डाक विभाग (Post Department) ने इसके लिए एडवांस पोस्ट टेक्नोलॉजी (एपीटी) 2.1 सॉफ्टवेयर का पायलट प्रोजेक्ट (Pilot Project) शुरू किया है। इसका उद्देश्य डाक विभाग (पोस्ट ऑफिस) के ग्राहकों को इंटरनेशनल स्टैंडर्ड की सर्विस उपलब्ध कराना है। डाक विभाग की तरफ से एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ग्राहकों की जरूरतों और उनके पास समय की कमी को देखते हुए डाक विभाग ने इनहाउस सॉफ्टवेयर विकसित किया है, जिसे सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन पोस्ट टेक्नोलाजी (सीईपीटी), मैसूर ने तैयार किया है। अभी अलग-अलग चरणों में इसे लागू किया जा रहा है। मध्य प्रदेश में 22 जुलाई से लागू हो गया है। इस सेवा में ऑनलाइन क्यूआर कोड से भुगतान की सुविधा भी रहेगी।
नहीं पड़ेगी प्राइवेट एजेंसियों की जरूरत
आधिकारिक रूप से बताया गया कि अब तक डाक सेवा की ऑनलाइन सर्विस के लिए प्राइवेट एजेंसियों की मदद लेना पड़ती थी। लेकिन अब डाक विभाग ही सामान की बुकिंग, डिलीवरी और भुगतान आदि की ऑनलाइन सर्विस देगा।
घर से सामान पोस्ट करने की सुविधा
ग्राहक डाक सेवा के ऐप या इंडियन पोस्ट की वेबसाइट www.indiapostal.gov.in पर ग्राहक प्रोफाइल क्रिएट करके घर से ही सामान पोस्ट (post from home) करने की सुविधा का लाभ उठा सकता है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यह सुविधा ऐसे व्यक्ति को ध्यान में रखकर तैयार की गई है, जो घर में अकेले है और समय की कमी के चलते नजदीकी पोस्ट ऑफिस तक भी नहीं जा सकते।
जीपीएस से होगी मॉनिटरिंग
आपका सामान घर से डाकिया ले गया। वह संबंधित व्यक्ति को मिला या नहीं, निर्धारित समय पर पहुंचा कि नहीं आदि की मॉनिटरिंग पोस्टमैन के पास उपलब्ध जीपीएस सिस्टम से होती रहेगी। इसमें सामान बुक करने वाले व्यक्ति को चिंता करने की जरूरत नहीं है। जीपीएस सिस्टम में ये गतिविधियां रेकॉर्ड होती रहेगी। हालांकि सामान की डिलीवरी लेते समय मोबाइल पर आने वाला कोड बताना होगा। यदि सामान डिलीवर नहीं होता है तो वापस उपभोक्ता को पहुंचा दिया जाएगा। इसके लिए भी उसे सामान का कोड दिखाना होगा।