कंधों पर गंगाजल, दिल में आस्था: 306 दिन की कठिन यात्रा कर पेश की भक्ति की अनोखी मिसाल

नई दिल्ली 
सावन महीने की शुरूआत से कड़ी सुरक्षा के बीच कांवड़ यात्रा शुरू हो गई है। कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ियों की भक्ति देखने को मिलती है। ऐसा ही एक भक्त सहारनपुर जनपद के नकुड़ के गांव नयागांव निवासी मनोज कुमार है। जो इस साल की सबसे भारी कांवड को लेकर चल रहे है। मनोज कुमार 306 दिनों से लगातार कांवड़ यात्रा पर हैं। 

हरिद्वार से शुरू की थी यात्रा 
जानकारी के अनुसार, मनोज कुमार ने हरिद्वार से 351 लीटर गंगाजल अपने कंधों पर लेकर सफर शुरू किया था। उन्होंने लगातार 306 दिनों तक यात्रा की अब वो सहारनपुर रोड स्थित हरि कॉलेज के पास पहुंच चुके हैं। उनका कहना है कि उन्होंने ये यात्रा किसी दिखावे के लिए नहीं शुरू की। बल्कि भोले बाबा का नाम लेकर शुरू की है। वो भोलेनाथ का नाम लेकर चल रहे है। 

अब तक अकेले किया सफर 
मनोज ने बताया कि उन्होंने न तो कोई अभ्यास किया, न ही कोई पूर्व योजना बनाई थी। न ही किसी मन्नत या दिखावे के लिए ये यात्रा शुरू की। उसने बताया कि हर केन में लगभग 175 लीटर जल है और इसका कुल वजन इतना अधिक है कि वो एक दिन में सिर्फ एक किलोमीटर तक ही चल पाते है। इस गंगाजल को अपने कंधों पर अकेले उठाकर हरिद्वार से लेकर अब तक सफर किया है। गांव तक पहुंचने में अभी लगभग 6-7 दिन और लग सकते हैं। उनकी इस भक्ति को देखकर सब लोग खुश हो रहे है और हैरान भी रह जाते है।  

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