डॉक्टर या तो तुरंत ड्यूटी पर लौट आएं या फिर 50 लाख रुपये का बांड जमा कराएं: स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह

खन्ना
स्वास्थ्य विभाग ने खन्ना सिविल अस्पताल में तैनात ई.एन.टी. स्पेशलिस्ट डॉ. अंकित अग्रवाल के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर ली है और डॉक्टर का रजिस्ट्रेशन भी रद्द किया जा सकता है। डॉ. अग्रवाल 9 सितंबर 2023 से लगातार अनुपस्थित चल रहे हैं और नियमों का उल्लंघन कर निजी अस्पताल भी चला रहे हैं।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि डॉक्टर या तो तुरंत ड्यूटी पर लौट आएं या फिर 50 लाख रुपये का बांड जमा कराएं, जो सरकारी एम.डी. कोर्स के समय सेवा शर्तों अनुसार अनिवार्य है। इसके बाद ही इस्तीफा स्वीकार किया जाएगा। ऐसा न करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

इस मुद्दे पर एडवोकेट हर्ष भल्ला ने सरकार से मांग की है कि डॉक्टर के खिलाफ तुरंत सख्त कार्रवाई की जाए, क्योंकि उनकी अनुपस्थिति के कारण मरीजों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। डॉ. भल्ला ने यह भी मांग की कि डॉक्टर की अनुपस्थिति के कारण मरीजों और सरकार को हुए नुकसान की भरपाई उनके वेतन से की जाए ताकि भविष्य में अन्य डॉक्टरों को सबक सिखाया जा सके। डॉ. अग्रवाल ने सरकारी ड्यूटी पर रहते हुए अपनी स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की। नियमों के अनुसार, एम.डी. करने के बाद 10 साल तक सरकारी नौकरी करनी या 50 हजार रुपये का बांड भरना होता है। उनकी ओर से न नौकरी की गई, न ही बांड की रकम अदा की गई। इसके विपरीत, इस्तीफा भी तीन महीने का नोटिस या वेतन दिए बिना ही सौंप दिया गया।

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