
गुड़गांव
बिल्डर और सरकार के खिलाफ आज निवेशकों ने अपना गुस्सा जाहिर किया। इन लोगों ने अपनी जमा पूंजी को बिल्डर को दे दिया। लोन लिया ताकि अपने सपनों का आशियाना बना सकें। लाखों-करोड़ों रुपए बायर्स ने बिल्डर को तो दे दिए हैं, लेकिन उनका प्रोजेक्ट आज तक तैयार नहीं हुआ। जबकि चार साल पहले ही यह प्रोजेक्ट तैयार हो जाना था।
वहीं, बायर्स का आरोप है कि वह अपनी गुहार प्रशासन और रेरा में लगा चुके हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही। बायर्स ने यह भी आरोप लगाया कि रेरा को सही तरीके से कार्य नहीं करने दिया जा रहा है जिसके कारण उनकी शिकायतों पर न तो सुनवाई हो रही है और न ही बिल्डर के खिलाफ कोई कार्रवाई हो रही है।
लोगों की मानें तो उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत साल 2016 में ओएसडी बिल्डर के सेक्टर-109 में बनाए जा रहे एक्सप्रेसवे टावर में बुकिंग कराई थी। यहां बिल्डर द्वारा 1100 फ्लैट तैयार किए जाने थे। साल 2017 में ड्राॅ होने के बाद साल 2021 तक यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाना था,लेकिन आज तक बिल्डर ने यह प्रोजेक्ट पूरा नहीं किया। मौके पर महज 60 प्रतिशत कार्य ही किया गया है। जबकि सभी बायर्स ने अपने-अपने फ्लैट के लिए 100 प्रतिशत भुगतान कर दिया है।
वहीं, निवेशकों का कहना है कि वह दोहरी मार झेल रहे हैं। लोन लेकर उन्होंने फ्लैट की पेमेंट बिल्डर को कर दी है जिसकी किस्त हर माह उन्हें देनी पड़ रही है जबकि उन्हें मकान का किराया भी देना पड़ रहा है। आज वह मंत्री से मिलने के लिए आए थे, लेकिन मंत्री को मीटिंग में जाना था, लेकिन मंत्री की मीटिंग होने के कारण उनसे मुलाकात नहीं हो पाई। दो दिन बाद उन्हें दोबारा मंत्री ने मिलने के लिए बुलाया है जिसमें बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाई जाएगी।
वहीं, पिछले दिनों जब यह निवेशक जिला नगर योजनाकार के पास अपनी गुहार लेकर पहुंचे ताे डीटीपी ने बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश स्थानीय थाना पुलिस को दी है। अब देखना यह होगा कि मामले में बिल्डर के खिलाफ किस तरह की कार्रवाई होती है और निवेशकों को इसका कितना फायदा मिल पाता है।