
चंडीगढ़
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पंजाब और हरियाणा में फैले अवैध डंकी रूट नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई करते हुए मानसा (पंजाब), कुरुक्षेत्र और करनाल (हरियाणा) में 7 ठिकानों पर 11 जुलाई को छापेमारी की थी।
ईडी ने इस छापेमारी को लेकर रिकवरी से जुड़ा आधिकारिक बयान जारी किया। ईडी के मुताबिक, यह रेड 9 जुलाई को की गई एक और छापेमारी में मिले सबूतों के आधार पर की गई थी।
इस दौरान ईडी को बड़ी मात्रा में फर्जी दस्तावेज, कई देशों की नकली मुहरें, वीजा टैंपलेट्स और आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई है, जिन्हें ईडी ने अपने कब्जे में ले लिया है। माना जा रहा है कि ये सामान अवैध तरीके से विदेश भेजने के रैकेट में इस्तेमाल किया जा रहा था।
ईडी अब इस नेटवर्क में शामिल लोगों की पहचान और विदेश भेजने के पीछे के पैसों के लेन-देन की जांच में जुटी है। अधिकारियों के मुताबिक, जल्द ही इस केस में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
विदेश भेजने के लिए फर्जी सरकारी स्टांप का करते थे इस्तेमाल जांच में खुलासा हुआ कि फर्जी इमिग्रेशन स्टांप और विदेशी वीजा स्टांप का इस्तेमाल भारतीयों के यात्रा रिकॉर्ड में हेरफेर कर उन्हें वैध दिखाने के लिए किया जाता था। इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोगों को खतरनाक और गैरकानूनी डंकी रूट से अमेरिका व अन्य देशों तक पहुंचाया जाता था। इन रूट्स में लोग कई देशों की सीमा अवैध रूप से पार करते थे और इस दौरान तस्करी के नेटवर्क के डॉन्कर्स उनकी मदद करते थे।
ईडी ने बताया कि छापों के दौरान पुख्ता सबूत मिले हैं कि जिन लोगों के ठिकानों पर छापेमारी हुई, वे इस अवैध कारोबार में सीधे तौर पर शामिल थे। इनमें से कई ने इस कारोबार से भारी मात्रा में चल-अचल संपत्तियां भी अर्जित कीं। जब्त दस्तावेजों और उपकरणों से यह भी सामने आया कि हवाला के जरिए विदेशों में पैसे भेजे जा रहे थे।
हवाला के जरिए विदेशी एजेंसियों को पहुंचाए जाते थे पैसे ईडी की पहले की जांच में यह भी सामने आया था कि अवैध इमिग्रेशन और डंकी रूट से जुड़े इस नेटवर्क में बिचौलिए, ट्रैवल एजेंट, भारतीय और विदेश के नागरिक शामिल हैं। कई एजेंटों ने कानूनी यात्रा का झांसा देकर लोगों को विदेश भेजने के नाम पर लाखों रुपए वसूले। वे गुप्त वॉट्सऐप चैट और एन्क्रिप्टेड प्लेटफार्म के जरिए अपने ग्राहकों के साथ संपर्क करते थे।
ईडी ने बताया कि जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि विदेश के काउंटर पार्ट्स (समकक्ष अधिकारियों) के साथ मिलकर इन्हीं एजेंटों ने हवाला के जरिए भुगतान किए हैं। अवैध बोर्डिंग पास और फर्जी दस्तावेज़ तैयार किए जाते थे, जिन्हें बाद में डंकी रूट के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
ईडी ने कहा कि इस पूरे नेटवर्क को बेनकाब करने और दोषियों को पकड़ने के लिए जांच तेजी से जारी है। अभी तक कई अहम सुराग हाथ लगे हैं और जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।