
सेंट पीटर्सबर्ग
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को इज़राइल और ईरान के बीच जारी तनाव को खत्म करने के लिए मध्यस्थता की पेशकश की. अपनी यूक्रेन वाली जंग में फंसकर चारों खाने चित हो रहे पुतिन अब इजरायल और ईरान के बीच शांति का ‘मसीहा’ बनने चले हैं. सेंट पीटर्सबर्ग इकोनॉमिक फोरम में पुतिन ने बड़े जोश में कहा, ‘हम इजरायल-ईरान के झगड़े को सुलझा सकते हैं. रूस इस संकट के समाधान के लिए एक ऐसा समझौता कराने में मदद कर सकता है जिससे ईरान को शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम चलाने की अनुमति मिले और इजराइल की सुरक्षा चिंताएं भी दूर हों.’ लेकिन इस बयान को सुनकर दुनिया हैरान है. क्योंकि पुतिन अभी अपना युद्ध ही नहीं रोक पाए हैं.
पुतिन ने कहा, ‘यह एक संवेदनशील मामला है, लेकिन मेरी नजर में इसका समाधान संभव है.’ लेकिन पुतिन को ट्रंप ने नसीहत दी है कि वह पहले अपनी जंग से निपटें और दूसरों की फिक्र करना छोड़ दें. पुतिन का यह बयान तब आया है जब यूक्रेन ने दावा किया है कि अब तक 10 लाख रूसी सैनिक इस युद्ध में मारे गए हैं. जब रूसी राष्ट्रपति से यह पूछा गया कि अगर इजराइल ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को मार दे तो रूस की प्रतिक्रिया क्या होगी, तो उन्होंने जवाब देने से इनकार कर दिया. पुतिन ने कहा, ‘मैं इस संभावना पर चर्चा भी नहीं करना चाहता.
लगातार बढ़ रहा है ईरान-इजरायल का संघर्ष
ट्रंप का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब इजरायल और ईरान के बीच तनाव चरम पर है और अमेरिका ने भी क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा दी है. वहीं दूसरी तरफ रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध दो साल से ऊपर चला गया है और हालात सुधरने की जगह और बिगड़ते जा रहे हैं.
ट्रंप ने यह भी दावा किया कि यूक्रेन युद्ध में मारे गए लोगों की असली संख्या छुपाई जा रही है. उन्होंने कहा, "बहुत ज़्यादा लोग मारे गए हैं, जितना बताया जा रहा है उससे कहीं ज़्यादा. वहां एक बिल्डिंग गिरती है और कहा जाता है कि कोई घायल नहीं हुआ क्या ये मजाक है?"
वहीं, यह देखना दिलचस्प होगा कि पुतिन इस बयान पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं. रूस के लिए यूक्रेन युद्ध का समाधान जितना दूर है, उतना ही जटिल इजरायल-ईरान संकट भी बनता जा रहा है.
पुतिन ने की थी पेशकश
बुधवार को पुतिन ने इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष को समाप्त करने में मध्यस्थता करने की पेशकश की थी. अंतर्राष्ट्रीय समाचार एजेंसियों के पत्रकारों के साथ एक गोलमेज सत्र में बोलते हुए, पुतिन ने कहा कि "यह एक नाजुक मुद्दा है. मेरे विचार से, एक समाधान पाया जा सकता है." पुतिन ने कहा कि उन्होंने ईरान, इजरायल और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ मास्को के प्रस्तावों को साझा किया.
ट्रंप ने पुतिन को सुना दिया
इस बीच ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई ने इजरायल के हमलों के आगे झुकने से इनकार करते हुए चेताया कि अगर अमेरिका सैन्य हस्तक्षेप करता है, तो यह उसके लिए ‘अपूरणीय क्षति’ साबित हो सकती है. पुतिन ने स्पष्ट किया कि रूस ने ईरान, इजराइल और अमेरिका को अपने प्रस्ताव साझा कर दिए हैं. उन्होंने कहा, ‘हम किसी पर कुछ थोप नहीं रहे हैं. हम सिर्फ इस स्थिति से बाहर निकलने का एक रास्ता सुझा रहे हैं. लेकिन अंतिम निर्णय इन देशों के राजनीतिक नेतृत्व का है, खासकर ईरान और इजरायल का.’ हालांकि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पुतिन की मध्यस्थता की पेशकश पर चुटकी लेते हुए कहा, ‘मैंने पुतिन से कहा, मुझ पर अहसान करो. पहले अपने ही मुद्दे सुलझा लो. बाद में बाकी की चिंता करना.’
ईरान से रिश्तों की दुहाई दे रहे पुतिन
पुतिन ने बड़े गर्व से बताया कि रूस और ईरान की दोस्ती ‘पक्की’ है. रूस ने ईरान के बुशहर में परमाणु संयंत्र बनाया, और अब वहां दो और रिएक्टर बना रहा है. वहां 200 से ज्यादा रूसी कर्मचारी दिन-रात जुटे हैं. पुतिन ने ये भी कहा कि ईरान ने कभी उनसे सैन्य मदद नहीं मांगी. रूस ने इजरायल के साथ बातचीत कर यह सुनिश्चित किया है कि उसकी सुरक्षा से समझौता न हो.
यूक्रेन युद्ध पर रूस का रुख
पुतिन ने यह भी कहा कि वह यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से बातचीत को तैयार हैं, लेकिन दोहराया कि जेलेंस्की का कार्यकाल खत्म हो चुका है और अब वह वैध नेता नहीं हैं. हालांकि कीव और उसके सहयोगी देशों ने इस दावे को खारिज करते हैं. उन्होंने कहा, ‘हम बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन अगर समझौता नहीं हुआ तो हम अपने लक्ष्यों को सैन्य माध्यम से प्राप्त करेंगे.’